[Check to Easy Steps] E Ganna Caneup.in भारत में गन्ने की खेती कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है हमारे देश में गन्ना एक महत्वपूर्ण वाणिज्य फसलों में से एक है दुनिया में दूसरे स्थान पर चीनी का सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता है और चीनी का मुख्य स्त्रोत गन्ना है
किसान अपने ही खेत में गन्ने का बीज अलग से तैयार कर ले. बुवाई से पूर्व अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें और अच्छी गुणवत्ता वाला बीज स्वच्छ और स्वस्थ बीज होता है इस दौरान इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि उसमें कीट और बीमारी लगा हुआ बीज ना हो और तैयार किया गया हुआ बीज 8 से 10 महीने का हो क्योंकि उसका जमाब 10-15 प्रतिशत ज्यादा होता है
बीज को जीवाणु रहित करने के लिए बविष्टिन का घोल बनाकर उसे डीप करके बुवाई करें अच्छा बीज होने की वजह से फसल में वृद्धि होती है और फसल गुणवत्ता की दृष्टि से भी ज्यादा अच्छी होती है
गन्ने में फुटाव कम क्यों हो?
- भाई पिछली फसल को जमीन की सतह से नहीं काटता है
- गन्ने की बुवाई करते समय 1 फुट से अधिक खाली जगह छोड़ने से भी गन्ने में
फुटाव कम होता है - खेत की मिट्टी में उर्वरकों की कमी का होना या आवश्यक पोषण तत्वों की कमी होने
की वजह से भी गन्ने का फुटाव कम होता है - खेत में खरपतवारो की ज्यादा तादाद होने की वजह से भी गन्ने का फुटाव कम होता
है

गन्ने में फुटाव की दवा
किसान गन्ने की वैज्ञानिक खेती मे गन्ने में फुटाव की दवा का प्रयोग करना चाहे तो इसके लिए –
- इफ्को की सागारिका 20 KG प्रति एकड़ और डीएपी 50 KG प्रति एकड़ के साथ 60 KG प्रति एकड़ यूरिया डाकर सिंचाई कर सकते है, इससे पेडी अच्छी और फुटाव आएगा |
- गन्ने के अच्छे फुटाव के लिए समय-समय गुड़ाई कर कूंड़ बनाकर यूरिया खाद की दूसरी बार प्रयोग करें |
- गन्ने के कल्लों मे कटाई-छटाई यदि हो गई हो तो सिंचाई करें और उर्वरक की शेष मात्रा कूंड़ बनाकर डाल दें |
गन्ने की मोटाई और लंबाई कैसे बढ़ाएं? गन्ने की मोटाई को बढ़ाने के लिए, स्थानीय जल व्यवस्था का ध्यान रखें सही प्रकार की पत्तियों का चयन करें गन्ने की लम्बाई और मोटाई को बढ़ाने के लिए, आपको नियमित रूप से गन्ने के पौधों का सम्पर्क बनाए रखना चाहिए।
गन्ने में बेहतर फुटाव के लिए यह कार्य करें
- गन्ना किसान को सबसे पहले अपने खेत में से खरपतवार
को अलग कर देना चाहिए - गन्ने की फसल में किसान भाई खरपतवार को निराई
गुड़ाई करके अलग कर सकते हैं - किसान बुवाई के लिए शोधित गन्ने का प्रयोग करें
- गन्ने की फसल मैं एजोस्पिरिलम का उपयोग करें यह
फसल को वायुमंडलीय नाइट्रोजन देता है - किसान खेत को तैयार करते समय 4 से 4.8 टन प्रति
एकड़ खेत में एफवाईएम खाद मिलाएं - गन्ने की फसल में प्रति एकड़ जमीन में करीब 55
किलोग्राम नाइट्रोजन, किलोग्राम फास्फोरस और 16
किलोग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है - गन्ने की बुवाई के करीब 30 दिन बाद प्रति एकड़ जमीन
में 2 किलोग्राम एजोस्पिरिलम और 2 किलोग्राम
फॉस्फोबैक्टीरिया का उपयोग करके सिंचाई करें - किसान खेत को तैयार करते समय नाइट्रोजन की आधी
मात्रा के साथ पोटाश और फास्फोरस को पूरी मात्रा में
खेत में मिलाएं - गन्ना बुवाई के 50 से 60 दिनों बाद या सिंचाई के 2-3
दिन बाद 15 किलोग्राम नाइट्रोजन खेत में डालें - गन्ने में अधिक फुटाव के लिए 150 लीटर पानी में 100
से 200 ग्राम देहात ग्रो प्रो मिलाकर खेत में छिड़काव
करें - गन्ने की फसल में सिंचाई का उचित प्रबंध करें
.जमीन की सतह से गन्ने की कटाई करें

गन्ने की मोटाई और लंबाई के लिए क्या लगाएं?
गन्ने की खेती करने वाले अधिकतर किसान गन्ने की मोटाई और लंबाई को बढ़ाने के लिए कई तरह की खाद और उर्वरकों का उपयोग करते हैं। भारत में गन्ने की खेती कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है किसानों के अनुसार कोराजन गन्ने की खेती के लिए एक बेहतरीन कीटनाशक है इसके उपयोग से ना केवल गन्ने की फसल होती है बल्कि गन्ना मोटा और लंबा ही पैदा होता है
इन दिनों किसान गन्ने की फसल के लिए के कोराजन का जमकर उपयोग कर रहे हैं उत्तरप्रदेश में गन्ने की फसल को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आ रही है और बहुत से किसानों को यह मानना भी है कि गन्ने की उपज को बढ़ाने के लिए शराब और डिटर्जेंट का उपयोग करने से गन्ने की फसल अच्छी होती है लेकिन कृषि विशेषज्ञ के अंतर्गत इन तथ्यों का कोई वैज्ञानिक रिकॉर्ड नहीं है
किसानों का मानना है कि शराब और डिटर्जेंट का गन्ने की फसल पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और इससे फसल में कीट भी नहीं लगता एवं उपज में वृद्धि उत्पन्न होती है तथा महंगे कीटनाशकों की बजाए किसान यूरिया में ऑक्सीटॉसिन मिलाकर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं इसका उपयोग ज्यादातर मेरठ और मुजफ्फरनगर के ग्रामीण इलाकों में दिखाई दे रहा है